Friday, December 23, 2005
ek behatar kal
I was quite impressed by one of the old advertisements of NDTV-India channel.
The words go like this (may not be complete recall)
एक बेह्तर कल चाहते है हम,
पैसे की चमक पर हुनर न पडे फ़ीका,
खुदगर्जी खोखला ना कर दे सोचने का तरीका.
ताकि अच्छे आदर्श और विचार महज किताबीं बाते न रह जाये,
मजहब से पहले हमेशा देश याद आये.
एक बेह्तर कल चाहते है हम,
इसलिए सच दिखातें है हम.
The words go like this (may not be complete recall)
एक बेह्तर कल चाहते है हम,
पैसे की चमक पर हुनर न पडे फ़ीका,
खुदगर्जी खोखला ना कर दे सोचने का तरीका.
ताकि अच्छे आदर्श और विचार महज किताबीं बाते न रह जाये,
मजहब से पहले हमेशा देश याद आये.
एक बेह्तर कल चाहते है हम,
इसलिए सच दिखातें है हम.